Spread the love

शैक्षिक भ्रमण के लिये हर ब्लॉक से 2-2 प्रतिभावान छात्रों का होगा चयन,छात्रों के लिये जरूरी है शैक्षिक भ्रमण

प्रदीप कुमार
देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल।
विद्यालयी शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित भारत दर्शन शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम के लिये प्रत्येक विकासखण्ड से दो-दो प्रतिभावान छात्र-छात्राओं का चयन किया जायेगा। इसके लिये राज्य सरकार ने 50 लाख की धनराशि अवमुक्त करने की मंजूरी दे दी है। जिसका शासन स्तर से शीघ्र ही शासनादेश जारी कर दिया जायेगा। शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम के तहत छात्र-छात्राएं देशभर के विभिन्न शैक्षणिक,सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करेंगे। सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने बताया कि शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार के लिये राज्य सरकार ने कई कदम उठाये हैं। जिसमें भारत दर्शन शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम भी शामिल है। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का मकसद छात्र-छात्राओं को देश की विविधता,इतिहास,आधुनिक शिक्षा प्रणाली,व्यावहारिक शिक्षण का अनुभव और शिक्षा के प्रति समग्र दृष्टिकोण विकसित करना है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत कुल 190 प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को देश के विभिन्न राज्यों में शैक्षिक भ्रमण पर भेजा जायेगा। जिसके लिये विकास खण्ड वार हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के टॉपर 2-2 छात्र-छात्राओं का चयन किया जायेगा। शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम के लिये वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु राज्य सरकार ने 50 लाख की धनराशि अवमुक्त कर दी है। शासन स्तर से शीघ्र ही इसका शासनादेश जारी कर दिया जायेगा। डॉ.रावत ने बताया कि पांच दिवसीय भारत दर्शन शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम के तहत छात्र-छात्राओं को देशभर के विभिन्न स्थानों का भ्रमण कराया जायेगा। जिससे वह वहां के लोक जीवन,संस्कृति,भाषा,रहन-सहन इत्यादि से परिचित होंगे। इसके अलावा छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक संस्थानों,सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों का भी भ्रमण कराया जायेगा। इस कार्यक्रम से जहां छात्र-छात्राओं को व्यावहारिक अनुभव मिलेगा वहीं प्रदेश की शिक्षा और योग्यता के स्तर में भी सुधार होगा। विभागीय मंत्री ने बताया कि भारत दर्शन शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम के ठोस क्रियान्वयन के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। शीघ्र ही ब्लॉक स्तर पर टॉपर छात्र-छात्राओं का चयन कर शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जायेगी। विभागीय अधिकारियों को इस बात के भी निर्देश दिये गये है कि प्रस्तावित भ्रमण कार्यक्रम में यह भी ध्यान रखा जाय कि भ्रमण कार्यक्रम से शैक्षिक कैलेण्डर प्रभावित न हो और बच्चों के पठन-पाठन में कोई अड़चन सामने न आये।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsapp