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दशमी श्राद्ध पर बन रहा है शुभ संयोग,पितरों का तर्पण

प्रदीप कुमार
जखोली-रूद्रप्रयाग/श्रीनगर गढ़वाल।18 सितंबर 2024 से पितृ पक्ष की शुरुआत हो चुकी है,जो 2 अक्तूबर 2024 को समाप्त होंगे। शास्त्रों के अनुसार साल के ये सोलह दिन पितरों की पूजा को समर्पित हैं। इस दौरान पूर्वजों की आत्म शांति के लिए पिंडदान व तर्पण किया जाता है। विद्वान पंडित आचार्य विनोद प्रसाद थपलियाल के अनुसार श्राद्ध पक्ष में हम सभी के पितर धरती लोक पर आते हैं। ऐसे में उनके नाम का श्राद्ध करने से पूर्वजों की आत्माओं को मुक्ति मिलती हैं। साथ ही वह प्रसन्न होते हैं। इस बार दशमी तिथि पर कई शुभ योग बन रहे हैं,जिनमें परिघ योग,शिव,गुरु पुष्य,अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग का नाम शामिल है। इस योग में पितरों का तर्पण करने से सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती हैं। साथ ही वंशों पर कृपा बनी रहती है। ऐसे में तर्पण करना ओर भी महत्वपूर्ण है। शनिवार को आदरणीय शिव सिंह रावत जी संस्थापक प्रधानाचार्य नागेन्द्र इंका बजीरा के घर पर उनके पुज्य पिता स्वर्गीय चन्द्र सिंह रावत की तिथि पर तर्पण का कार्यक्रम सम्पन्न किया गया। इस अवसर पर विद्वान पंडित आचार्य विनोद प्रसाद थपलियाल ने वैदिक मंत्रोच्चारण व विधान के अनुसार तर्पण का कार्यक्रम सम्पन्न किया है।

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