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प्रदीप कुमार श्रीनगर गढ़वाल। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के चौरास परिसर के फार्मास्यूटिकल साइंस विभाग में आईआईसी,द्वारा विश्व बौद्धिक संपदा दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में प्रो.सी.एम.शर्मा कैंपस डायरेक्टर, हेमवंती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय मुख्य अथिति के रूप में मौजूद रहे। मुख्य वक्ताओं में डॉ.संजय शर्मा (एसोसिएट प्रोफेसर पॉन्डिचेरी विश्वविद्यालय, पॉन्डिचेरी) एवम डॉ०भास्करन असिस्टेंट प्रोफेसर,हेमवंती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय शामिल रहे।
आईआईसी-गढ़वाल विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ.राम कुमार साहू ने कार्यक्रम का प्रारम्भ करते हुए वर्तमान समय बौद्धिक सम्पदा एवं पेटेंट के महत्व को बताया। डॉ.साहू ने बताया कि आज अपने शोध को बौद्धिक सम्पदा से जोड़कर करने की आवश्यकता है जिससे कि पटेंट आदि के द्वारा देश के विकास में सहायक मिले और देश के शोध को दुनिया पहचाने l
कार्यक्रम में विश्व बौद्धिक संपदा दिवस से जुड़ी चर्चा में कुछ प्रमुख बिंदु इस प्रकार रहे।
प्रो.सी.एम.शर्मा ने पेटेंट की अहमियत को बौद्धिक संपदा के संदर्भ में उजागर करते हुए कॉपीराइट, ट्रेड सीक्रेट्स इत्यादि पर चर्चा करी।
प्रो.अजय नामदेव ने इनोवेशन को लेबोरेट्री एक्सपेरिमेंट्स पर बात करते हुए उदाहरणों से समझाया और प्लेजियरिज्म के महत्व पर प्रकाश डाला।
मुख्य वक्ता,डॉ.संजय शर्मा द्वारा अर्थव्यवस्था,औद्योगिक क्षेत्र,ज्ञान का विकास की कुंजी होना,दुनिया-भर में पेटेंट और ज्ञान संचालित अर्थव्यवस्था और नवाचार और वैज्ञानिक जांच पर चर्चा करी और शोध को समझाते हुए अनुभव से प्राप्त ज्ञान पर आख्यान प्रस्तुत किया।
डॉ.भास्करन द्वारा संपत्ति के प्रकारों के बारे में बताया गया जिससे बौद्धिक अमूर्त संपत्ति के महत्व पर प्रकाश डाला गया और इसके पश्चात कॉपीराइट की अवधारणा को समझाया गया।
कार्यक्रम में डॉ.राम कुमार साहू,डॉ.विनीत कुमार मौर्य,डॉ.विभीषण रॉय,डॉ.भूपेंद्र कुमार,प्रो.अब्दुल फारुख,डॉ.अजय सेमेल्टी,डॉ.सोमेश थपलियाल,डॉ.एल.मोहंती,डॉ.ऋतु मिश्रा,डॉ.गौरव जोशी,डॉ.शिखा दूबे उपस्थित रहे।

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